November 16, 2025
MG NEWS

मरुधर गूंज, बीकानेर (26 अक्टूबर 2025)।

प्रत्येक मनुष्य को कर्म संन्यास से ज्ञान सन्यास में प्रवेश करना चाहिए। गीता में ज्ञान संन्यास का विशेष महत्व बताया गया है इसी क्रम में भगवान श्री कृष्ण ने कर्म संन्यास से ज्ञान सन्यास की ओर अग्रसर होने पर ही मुक्ति संभव है कहां है। बिना ज्ञान सन्यास के 84 के चक्कर में जीव भटकता रहता है।

धनीनाथ गिरी मठ, पंच मंदिर के अधिष्ठाता स्वामी श्री विशोकानंद भारती जी महाराज ने अपने स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित होरही श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस कहा। कथा में आज द्वितीय दिवस मुख्य यजमान के रूप में डॉ. मोहन जाजड़ा ने सपत्नीक पूजन किया।

इस अवसर पर हरिद्वार से पधारे संत श्री तपेश्वर दास जी महाराज एवं संत स्वामी श्री मोहन दास जी महाराज, बीकानेर राम कुटिया के महंत स्वामी अजरानंद भारती जी उपस्थित रहे । कथा में मोड़ाराम सोलंकी पंडित मुरली मनोहर व्यास, ठा. श्री भवानी सिंह राठौड़ आदी भक्तों ने आरती की।