November 17, 2025
MG NEWS

मरुधर गूंज, बीकानेर/उज्जैन (5 अक्टूबर 2025)।

पांच दिवसीय दीपोत्सव इस बार छह दिन का रहेगा। पंचांग की गणना में तिथि की घट बढ़ से इस प्रकार की स्थिति बन रही है। विशेष यह है कि इस बार 18 व 19 अक्टूबर को दो दिन धनत्रयोदशी मनाई जाएगी। 20 अक्टूबर को सुबह रूपचुर्दशी तथा शाम को चंद्रहस्त योग में दीपावली मनेगी। गोवर्धन पूजा व भाई दूज मनाने के लिए एक दिन इंतजार करना पड़ेगा।

ज्योतिषाचार्य पं. अमर ने बताया भारतीय सनातन धर्म संस्कृति में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की धन त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीया भाई दूज तक पांच दिवसीय दीपोत्सव मनाने की परंपरा है। आमतौर पर त्रयोदशी से दूज तक पांच दिन की पांच तिथि होती है। इन तिथियों पर धनत्रयोदशी, रूपचतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धनपूजा तथा भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। लेकिन इस बार तिथि की घट बढ़ के कारण त्योहारों का क्रम आगे पीछे हो गया है।

इस बार यह होगा

  • 18 अक्टूबर : धनत्रयोदशी- इस दिन सोने, चांदी के आभूषण, बर्तन, वाहन आदि की खरीदी की जाएगी। शाम को प्रदोष काल में यम के निमित्त दीपदान कर पांच दिवसीय दीपाेत्सव का शुभारंभ होगा।
  • 19 अक्टूबर : धनत्रयोदशी- इस दिन भी दिन में त्रयोदशी तिथि रहेगी। अभिजीत मुहूर्त में भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाएगा। शाम को दीपदान होगा।
  • 20 अक्टूबर : सुबह रूपचौदस, शाम को दीपावली- इस दिन सुबह के समय चतुर्दशी तिथि रहेगी तथा शाम को प्रदोषकाल में अमावस्या तिथि मौजूद रहेगी। धर्मशास्त्र की मान्यता में रूप चतुर्दशी सुबह तथा दीपावली प्रदोषकाल में अमावस्या तिथि होने पर मनाने का निर्देश है। इसलिए इस दिन दोनो त्योहार एक साथ मनाए जाएंगे।
  • 21 अक्टूबर : अमावस्या- दीपोत्सव पर्वकाल की परंपरा में दीपावली के अगले दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर गोवर्धन पूजा होना चाहिए। लेकिन इस बार दीपावली के अगले दिन 21 नंवबर को सुबह से दोपहर तक अमावस्या तिथि रहेगी। ऐसे में पूरे दिन अमावस्या मानी जाएगी और गोवर्धन पूजा अगले दिन होगी।
  • 22 अक्टूबर : गोवर्धन पूजा- इस दिन घर तथा मंदिरों में गोवर्धन पूजा होगी। भगवान श्रीकृष्ण सहित अन्य मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा।
  • 23 अक्टूबर : भाईदूज- कार्तिक शुक्ल द्वितीया पर भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। भाई बहनों के घर जाएंगे, बहने भाई की दीर्घायु के लिए मंगल तिलक लगाएंगी।

महाकाल मंदिर : राजा और प्रजा एक साथ मनाएंगे दीपोत्सव

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर 20 अक्टूबर को तड़के 4 बजे दीपावली मनाई जाएगी। पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान को केसर चंदन का उबटन लगाएगी। इसके बाद भगवान को गर्म जल से स्नान कराया जाएगा। पश्चात अन्नकूट का महाभोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी।

पं.राजेश पुजारी ने बताया महाकालेश्वर मंदिर में हिन्दू धर्म का प्रत्येक त्योहार सबसे पहले मनाया जाता है। इसलिए दीपावली भी अमावस्या के बजाय एक दिन पहले रूप चतुर्दशी के दिन मनाई जाती है। इस दिन भगवान को केसर चंदन से स्नान कराया जाता है। फुलझड़ी से आरती होती है तथा भगवान को अन्नकूट भी अन्य मंदिरां से पहले लगाया जाता है। इस बार रूप चतुर्दशी के दिन ही शाम को दीपावली होने से राजा व प्रजा एक साथ दीपोत्सव मनाएंगे।

18 को धनतेरस, 20 को दीपावली मनाना शुभ

ज्योतिषाचार्य पं.हरिहर पंड्या ने कहा कि पंचांग की गणना तथा मुहूर्त ग्रंथों की मान्यता के अनुसार 18 अक्टूबर को धनतेरस तथा 20 अक्टूबर को प्रदोषकाल में दीपावली मनाना बेहद शुभ है। 18 अक्टूबर को सुबह से रात तक सोना,चांदी, बर्तन, वाहन, बही खाते आदि की खरीदी की जा सकती है। शाम को धन के देवता कुबेर का पूजन करें। 20 अक्टूबर को शाम को प्रदोष काल में माता लक्ष्मी व कुबेर की पूजा करने का सर्वश्रेष्ठ समय है।