
मरुधर गूंज, बीकानेर (31 अक्टूबर 2025)।
धनी नाथ गिरी मठ पंच मंदिर में निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर राजगुरु बीकानेर स्वामी श्री विशोकानंद भारती जी महाराज की अध्यक्षता व सान्निध्य में संतो भक्तों द्वारा पूज्यपाद ब्रह्मलीन महंत स्वामी जी सोमेश्वरानंद भारती जी महाराज की 33 वां निर्वाण दिवस मनाया गया साथ ही गीता रामायण भारत चरित्र, संतो की महिमा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों व बीकानेर के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले गुनीजनो विद्वानों का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे महाराज श्री ने कहा कि संत का प्राकट्य समाज के लिए उपयोगी एवं अनुकरणीय होता एवं निर्वाण संत महात्माओं के लिए उपयोगी एवं अनुकरणीय होता।
साधारण संत को भावना से समझा जाता है लेकिन विशेष संत को समझने के लिए विशेष विवेक की आवश्यकता होती है। ब्रह्मलीन पूज्य गुरुदेव सोमेश्वरानंद भारती जी महाराज कथाकार नहीं थे वे परमात्मा व आत्माकार थे इस लिए सर्व साधारण के लिए उनको समझना कठिन था।

कार्यक्रम में शिवबाडी मठ के महंत स्वामी श्री विमर्शानन्द गिरी जी महाराज ने कहा कि संत का अवतरण करने के लिए सद्गृहस्थ की आवश्यकता है भारतीय सनातन संस्कृति में संस्कार का विशेष महत्व बताया गया है वर्तमान में हम अपने संस्कारों को भूल रहे हैं जो चिंता का विषय है आने वाले समय में संतो का दर्शन बहुत दुर्लभ हो जाएगा।
निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर राजगुरु बीकानेर स्वामी श्री विशोकानंद भारती जी महाराज के सन्यास दीक्षा स्वर्ण जयंती महोत्सव पर धनी नाथ गिरी मठ पंच ट्रस्ट एवं सत्प्रेरणा परिषद द्वारा महाराज जी का सॉल श्रीफल माला सम्मान पत्र दिया गया। भारतीय संस्कृति एवं सनातन सार्वभौम महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प योगेंद्र कुमार दाधीच द्वारा महाराज श्री का पंच द्रव्य एवं त्रिवेणी जल द्वारा चरण पूजन कर सम्मान किया गया।
अखिल भारतीय दशनामी गोस्वामी समाज महासभा के राष्ट्रीय महासचिव श्री दिलीप पूरी एवं प्रदेशाध्यक्ष श्री विनोद गिरी के नेतृत्व में 51किलो पुष्पहार पहनाकर, सॉल, श्रीफल, साफा व सम्मान पत्र भेंट कर पूज्य महाराज श्री का स्वागत सम्मान अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन वेद्य वाचस्पति जोशी ने किया। कार्यक्रम में ट्रस्टी श्री मुरली मनोहर व्यास, ठा. भवानी सिंह राठौड़, मोडाराम सोलंकी, एंड डा मोहन जाजड़ा, डा कुलदीप सिंह बिट्टू, मोहन आचार्य, नलिन सरवाल आदि ने व्यवस्थाएं संभाली कार्यक्रम के अंत में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। हरिद्वार से पधारे संत श्री तपेश्वर दास जी महाराज, मोहन दास जी महाराज योगी श्री ओम नाथ जी महाराज, चाडी से महंत स्वामी श्री अमरानंद भारती जी अजरानंद भारती जी स्वामी श्री वसुंधरानंद जी महाराज ने भी पूज्य ब्रह्मलीन महंत स्वामी श्री सोमेश्वरानंद भारती जी महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किया।


