
राष्ट्रीय संत श्रीसरजूदासजी महाराज को गुरुशोक
मरुधर गूंज, मथुरा/बीकानेर (11 अक्टूबर 2025)।
रामझरोखा कैलाशधाम के पीठाधीश्वर श्री सरजूदासजी महाराज के परम पूज्य गुरुदेव श्रीश्री 108 महंत श्री श्यामदासजी महात्यागी 11 अक्टूबर सुबह 6 बजे ब्रह्मलीन हो गए हैं। राष्ट्रीय संत श्रीसरजूदासजी महाराज ने बताया कि मथुरा जदपद के ग्राम वाटी में अंतिम संस्कार किया गया। त्यागी बाबा नाम से विख्यात श्री श्यामदासजी महाराज महातपस्वी थे। सैकड़ों शिष्यों को सद्मार्ग की सीख प्रदान करने वाले त्यागी बाबा सरल व सहज व्यक्तित्व के धनी थे।

श्रीसरजूदासजी महाराज ने बताया कि त्यागी बाबा श्रद्धालुओं व शिष्यों को सद्मार्ग पर चलने के साथ ही राम नाम जप की सीख देते थे। उनका कहना था कि कभी किसी से कटुवचन नहीं कहना भी एक प्रकार का व्रत और तप है। पिछले तीन माह से त्यागी बाबा अस्वस्थ थे और राष्ट्रीय संत श्रीसरजूदासजी महाराज उनकी सेवा में निरन्तर जुटे रहे।
रथ पर बैकुंठी में विराजित त्यागीबाबा की अंतिम यात्रा में परम पूज्य गुरुदेव श्रीरामदासजी महाराज, जगद्गुरु भैयादासजी महाराज, वैष्णव समाज के अध्यक्ष वृंदावन महंत सनतकुमार दास जी, श्रीमंत राघवदासजी, महंत गंगादासजी, महामंडलेश्वर मदनमोहनदास जी, महामंडलेश्वर भगवानदासजी, महंत परशुरामदास जी, महंत परमेश्वरमदास जी, प्रधान बाबा संत शत्रुघ्नदास जी गोवर्धन वाले, महंत फलाहारी जी महाराज, संत धर्मदासजी महाराज, प्रयागदासजी महात्यागी, पुजारी रघुवरदास, संत बालकदास महात्यागी, संत शत्रुघ्नदास जी आदि सैकड़ों संत-महात्माओं का आगमन हुआ। वाटी ग्रामवासियों में श्रद्धालुओं का सैलाब त्यागी बाबा के दर्शन को उमड़ पड़ा।


