November 17, 2025
MG NEWS

मरुधर गूंज, बीकानेर (6 जुलाई 2025)।

देवाधिदेव महादेव का प्रिय मास सावन 11 जुलाई शुक्रवार से आरंभ हो रहा है। सावन माह में 11 जुलाई से आरंभ होकर नौ अगस्त शनिवार को संपन्न होगा। सनातन धर्म में सावन माह का विशेष महत्व है। माह में भगवान शंकर व मां पार्वती का विधि-विधान के साथ पूजन, जलाभिषेक, रूद्राभिषेक करना शुभ माना जाता है।

ज्योतिषाचार्य प्रेम शंकर शर्मा ने पंचांगों के माध्यम से बताया कि इस मास में चार सोमवार होंगे। सावन मास के शुक्ल पूर्णिमा नौ अगस्त शनिवार को रक्षाबंधन के पर्व के साथ समापन होगा।

सूर्य के दक्षिणायन होने पर सावन मास पड़ता है। माह का संचालन भगवान शिव करते हैं। सावन माह में शिव मंदिरों व घरों में भगवान शिव का जलाभिषेक, रूद्राभिषेक किया जाता है। इस दौरान शिव भक्त शिव पंचाक्षर मंत्रों का जाप करने के साथ शिव चालीसा, रूद्राष्टक का पाठ करेंगे।

महादेव की पूजन विधि

पंडित विकास सेवग ने बताया कि इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं और शिवलिंग पर गंगाजल, कच्चा दूध, बेलपत्र, आदि अर्पित कर जलाभिषेक करें । इसके साथ चंदन, इत्र, घी, वस्त्र में मौली (कपड़े ), पुष्प और अक्षत चढ़ाएं। भोग लगाएं। पूरी श्रद्धा के साथ आरती करें। यथाशक्ति मंत्र जाप करें। अंत में क्षमा प्रार्थना करें। माना जाता है कि सावन सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्त की हर इच्छा पूरा करते है।

जलाभिषेक से उत्तम फल की प्राप्ति

ज्योतिषाचार्य प्रेम शंकर शर्मा ने बतया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन में समुद्र मंथन किया गया था। समुद्र मंथन के बाद जो हलाहल विष निकला था उसे भगवान शंकर ने अपने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की थी। विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया था। इसी कारण भगवान शिव नीलकंठ महादेव के रूप में जाने जाते हैं।

विष के प्रभाव को कम करने को लेकर देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया था। ऐसे में भगवान को जलाभिषेक करना शुभ माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव स्वयं जल हैं। जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करना सबसे उत्तम पूजन होता है।

सावन के महीने में क्या करें

  • हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र माना जाता है। इस माह में रोजाना शिव जी की आराधना करने से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। शिवलिंग का अभिषेक करें और शिव मंत्र का जाप करें।
  • सावन के महीने में शाकाहारी भोजन ही करें और सोमवार का व्रत करें। व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें।
  • मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में दूध या उससे बनी चीजों का दान करना अत्यंत शुभ होता है।

इन चीजों का करें परहेज

  • सावन के महीने में तामसिक भोजन जैसे लहसुन-प्याज और मास-मदिरा से दूर रहें।
  • इस पावन महीने में इन कामों को करने से महादेव अप्रसन्न हो जाते हैं।
  • मान्यता है कि इस महीने के दौरान बैंगन का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
  • सावन के पवित्र महीने में बाल-ढाड़ी या नाखून काटने से भी बचना चाहिए।

सावन की तिथियां :

  • 11 जुलाई : श्रावण मास आरंभ
  • 14 जुलाई : पहला सोमवार
  • 15 जुलाई : नाग पंचमी (राजस्थान और अन्य राज्य)
  • 21 जुलाई : दूसरा सोमवार
  • 21 जुलाई : कामदा एकादशी व्रत
  • 22 जुलाई : भौम प्रदोष
  • 24 जुलाई : हरियाली अमावस्या
  • 27 जुलाई : हरियाली तीज
  • 28 जुलाई : तीसरा सोमवार
  • 29 जुलाई : नाग पंचमी
  • 4 अगस्त : चौथी सोमवारी
  • 5 अगस्त : पुत्रदा एकादशी व्रत
  • 6 अगस्त : प्रदोष व्रत
  • 9 अगस्त : सावन पूर्णिमा व रक्षा बंधन

शिव उपासना की तिथियां :

  • कृष्णपक्ष में : 1, 4, 5, 8, 11, 12, 30
  • शुक्लपक्ष में : 2, 5, 6, 9, 12, 13