November 17, 2025
MG NEWS

मरुधर गूंज, बीकानेर (11 अगस्त 2025)।

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की शुरुआत 11 अगस्त से हुई है। सनातन धर्म में इस माह का विशेष महत्त्व है। भाद्रपद में कई व्रत और पर्व मनाए जाते हैं, जिनमें कजरी तीज भी शामिल है। कजरी तीज के दिन कुंवारी लड़कियां और सुहागिन महिलाएं विधिपूर्वक व्रत करती हैं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है और सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्त होती है और पति को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है। इस पर्व को बड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कजरी तीज का शुभ मुहूर्त और उपायों के बारे में।

कजरी तीज शुभ मुहूर्त

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत – 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का समापन – 12 जुलाई को सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर

कजरी तीज उपाय

ऐसे करें वैवाहिक जीवन को खुशहाल

अगर आप वैवाहिक जीवन में किसी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो कजरी तीज के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। व्रत का संकल्प लें और व्रत कथा का पाठ करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है।

करें इन चीजों का दान

सनातन धर्म में किसी भी पर्व के दिन दान करने का विशेष महत्व है, तो ऐसे में कजरी तीज के दिन पूजा-अर्चना करने के बाद मंदिर या गरीब लोगों में अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से साधक को जीवन में किसी भी चीज का सामना नहीं करना पड़ता है और धन लाभ के योग बनते हैं।

इन 3 मंत्रों का करें जाप

पंचाक्षरी मंत्र – ॐ नमः शिवाय।

महामृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”

शिव गायत्री मंत्र

“ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि.तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥”