
मरुधर गूंज, जयपुर/बीकानेर (23 जून 2025)।
राजस्थान में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में प्रदेश के कई इलाकों में बादल गरजने के साथ भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में पूर्वी राजस्थान में तेज बारिश की आशंका जताई गई है। वहीं, पश्चिमी राजस्थान में आंधी और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है। टोंक और धौलपुर जैसे अन्य इलाकों में भी काफी बारिश हुई है। इस मौसम का असर, गरज और भारी बारिश के साथ, अगले दो से तीन दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है।
कोटा संभाग के बारां, कोटा, बूंदी और झालावाड़ जिलों को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां 24 घंटों के भीतर 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश की संभावना है। इस बीच, जयपुर, उदयपुर और भरतपुर संभाग में मध्यम से भारी बारिश जारी रहने का अनुमान है।
मानसून को देखते हुए मौसम विभाग का कहना है कि 23 से 27 जून में कई संभागों में भारी बारिश होने की संभावना है। जिसमें जयपुर, भरतपुर, अजमेर, कोटा और उदयपुर संभाग के कई इलाके शामिल हैं।
सरदारशहर में सोमवार सुबह 9 से 11 बजे तक शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में जमकर बारिश हुई। बारिश इतनी तेज थी कि मुख्य बाजार, मूणती कुई, बीकानेर रोड, मेन बाजार, स्टेशन रोड, पुरानी सब्जी मंडी और शिव मार्केट जैसे निचले क्षेत्रों में पानी भर गया।
तेज बारिश से किसानों को बड़ी राहत मिली है। खरीफ फसलों की बुआई जैसे ग्वार, मूंग, मोठ और बाजरे के लिए यह बारिश फायदेमंद मानी जा रही है। कृषि विभाग ने इसे सीजन की मुख्य और महत्वपूर्ण बारिश बताया है। बारिश के कारण मौसम में ठंडक आ गई। दिन के तापमान में करीब 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई, जिससे गर्मी और उमस से राहत मिली।
चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं उपखंड क्षेत्र में स्थित प्राचीन झर्रिया महादेव का झरना लगातार हो रही बारिश से छलक उठा है। राजगढ़ ग्राम पंचायत के पास एनएच 27 के भेरूघाटी क्षेत्र से करीब पांच किलोमीटर अंदर जंगल में स्थित यह स्थल अब पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। भोलेनाथ के दर्शनों और झरने की खूबसूरती को देखने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
कोटा जिले में पिछले 4 दिनों से हो रही बारिश राहत के साथ मुसीबत भी लेकर आई है। इस साल के जून माह में ही जिले से होकर गुजर रही नदियां और नाले उफान पर आ गए है। वहीं हाड़ौती संभाग की बात की जाए तो चंबल, कालीसिंध, परवन और पार्वती नदी उफान पर चल रही है।