September 13, 2025
MG NEWSn

मरुधर गूंज (03 जून 2025)।

क्या आपने कभी सोचा है कि जिस साइकिल को चलाने के लिए बचपन से ही बेचैन होने लगते हैं, वो आपकी जिंदगी में  एक-दो नहीं बल्कि तमाम हेल्थ बेनिफिट्स ला सकती है. साइकिल चलाना एक मनोरंजन का साधन होने के साथ ही एक बढ़िया एक्सरसाइज भी है, जो आपको सेहतमंद बनाने में बड़ा रोल निभाती है. हर साल 3 जून को पूरी दुनिया में ‘विश्व साइकिल दिवस’ (World Bicycle Day) मनाया जाता है. ये दिन उस शानदार साधन को सेलिब्रेट करने के लिए है जो न सिर्फ पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि हमारी सेहत, फिटनेस और लाइफस्टाइल के लिए भी बहुत फायदेमंद है. चाहे आप 7 साल के हों या 70 के, साइकिल चलाना सिर्फ एक्सरसाइज नहीं, बल्कि फिट रहने और स्ट्रेस कम करने का एक मजेदार तरीका है. अब सवाल उठता है—आपको अपनी उम्र के हिसाब से कितनी साइकिल चलानी चाहिए? इससे क्या फायदे होते हैं? और क्या कुछ ऐसे लोग भी हैं

उम्र के हिसाब से कितनी देर साइकिल चलानी चाहिए?

साइकिल चलाना हर उम्र के लोगों के लिए एक शानदार एक्सरसाइज है, लेकिन हर उम्र में इसे करने का तरीका और समय थोड़ा अलग होता है.

5 से 12 साल के बच्चों को रोज कम से कम 1 घंटे कोई न कोई फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए. साइकिल चलाना इसके लिए सबसे मजेदार और असरदार तरीका हो सकता है. 13 से 19 साल के टीनएजर्स को भी हर दिन करीब 60 मिनट तक एक्सरसाइज करनी चाहिए. स्कूल जाने के लिए साइकिल चलाना या छुट्टी के दिन दोस्तों के साथ साइकिलिंग करना न सिर्फ सेहत के लिए अच्छा होता है, बल्कि शानदार भी होता है.

20 से 64 साल के एडल्ट्स को हफ्ते में लगभग 150 से 300 मिनट तक मीडियम स्पीड से या 75 से 150 मिनट तक तेज स्पीड से साइकिल चलाने की सलाह दी जाती है. आप चाहें तो रोज ऑफिस आने-जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करें या इसे अपनी एक्सरसाइज रूटीन में शामिल कर सकते हैं.

65 साल और उससे ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को भी हफ्ते में कम से कम 150 मिनट हल्की या मीडियम स्पीड से फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए. अगर सेहत ठीक है तो साइकिल चलाना बहुत अच्छा ऑप्शन हो सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि रास्ता ऐसा हो जिस पर चढ़ना-उतरना आसान हो.

उम्र के हिसाब से साइकिल चलाने के फायदे

साइकिल चलाना हर उम्र में फायदेमंद होता है, लेकिन हर उम्र के लोगों को इससे अलग-अलग लाभ मिलते हैं.

बच्चों और टीनएजर्स के लिए साइकिल चलाना शारीरिक विकास में बहुत मदद करता है. इससे हड्डियां मजबूत होती हैं, मसल्स बनती हैं और दिल भी सेहतमंद रहता है. इसके साथ ही, साइकिलिंग से कंसनट्रेशन बढ़ता है, आत्मविश्वास आता है और स्ट्रेस भी कम होता है.

20 से 30 साल के लोगों के लिए, साइकिल चलाना फिट रहने का बेहतरीन तरीका है. यह दिल की सेहत सुधारता है, पैरों और पेट की मसल्स मजबूत करता है और वजन को कंट्रोल में रखने में मदद करता है. इसके अलावा, ये एक बढ़िया एनवायरमेंट-फ्रेंडली ऑप्शन है, जिससे आप गाड़ी की बजाय साइकिल से ऑफिस या कॉलेज जा सकते हैं.

40 से 60 साल की उम्र में साइकिल चलाना एक हल्की-फुल्की लेकिन असरदार एक्सरसाइज बन जाती है, खासकर जोड़ों के लिए. इस उम्र में इसे अपनाने से हार्ट प्रॉब्लम, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है. साथ ही, इससे दिमाग शांत रहता है और स्ट्रेस झेलने की ताकत भी बढ़ती है.

बुजुर्गों के लिए साइकिल चलाना शरीर को एक्टिव रखने का आसान तरीका है. फ्लैट रास्तों पर या ई-बाइक की मदद से साइकिल चलाना जोड़ों की मूवमेंट बनाए रखने और मसल्स को मजबूत करने में मदद करता है. इससे बैलेंस सुधरता है, जिससे गिरने का डर कम होता है. साथ ही, मूड अच्छा रहता है और दिमाग भी चुस्त रहता है.

किसे साइकिल चलाने से बचना चाहिए या पहले सावधानी बरतनी चाहिए?

साइकिल चलाना ज्यादातर लोगों के लिए फायदेमंद और सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ लोगों को इसे शुरू करने से पहले सावधानी जरूर बरतनी चाहिए.

  1. गठिया या जिनके घुटनों में लगी हो चोट: अगर साइकिल सही ढंग से न चलाई जाए, तो जोड़ों में दर्द और बढ़ सकता है. इसलिए शुरुआत बहुत हल्के से करें और आरामदायक सीट व पोजिशन चुनें.
  2. जिन्हें चक्कर आते हैं या बैलेंस की परेशानी है: ऐसे लोगों को आम साइकिल से गिरने का खतरा हो सकता है. इनके लिए स्टेशनरी बाइक (जो जिम में होती है) ज्यादा सुरक्षित ऑप्शन हो सकते हैं.
  3. हाल ही में सर्जरी करवाने वाले लोग: खासतौर पर अगर सर्जरी कूल्हे, रीढ़ या दिल से जुड़ी हो, तो बिना डॉक्टर की सलाह के साइकिलिंग न करें.
  4. हाई बीपी या दिल की बीमारी से परेशान लोग: अगर आपकी हार्ट कंडीशन कंट्रोल में नहीं है, तो तेज साइकिल चलाना खतरनाक हो सकता है. धीरे-धीरे शुरुआत करें और बीच-बीच में हार्ट रेट चेक करते रहें.
  5. प्रेग्नेंट महिलाएं: बढ़ते वजन और बैलेंस की वजह से बाहर साइकिल चलाना थोड़ा रिस्की हो सकता है. ऐसे में इंडोर या स्टैटिक बाइकिंग ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक रहती है.