October 1, 2025
MG NEWS

मरुधर गूंज, बीकानेर (14 सितंबर 2025)।

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। वैसे तो हर महीने 2 एकादशी तिथि आती हैं लेकिन,पितृपक्ष में आने वाली एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी को अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से और पुण्य कार्य करने से पितरों की मुक्ति मिलती है। साथ ही उन्हें मोक्ष मिलता है। आइए जानते हैं कब है इंदिरा एकादशी का व्रत और इस दिन क्या करना चाहिए।

कब है इंदिरा एकादशी?

पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का आरंभ 16 तारीख में एकादशी तिथि का आरंभ रात में 12 बजकर 23 मिनट से होगा और 17 तारीख की रात में 11 बजकर 40 मिनट तक एकादशी तिथि रहेगी। शास्त्रों के अनुसार, एकादशी तिथि का व्रत उस दिन किया जाता है जिस दिन सुबह से समय एकादशी तिथि रहती है ऐसे में 17 तारीख को ही एकादशी का व्रत और श्राद्ध किया जाएगा। बता दें कि इस दिन गौरी योग का शुभ संयोग रहेगा चंद्रमा अपनी स्वराशि कर्क में विराजमान रहेंगे। जिससे गौरी योग बनेगा। ऐसे में व्रत और श्राद्ध कर्म करने वालों को पुण्य फल की प्राप्ति होगी।

इंदिरा एकादशी व्रत का महत्व

इंदिरा एकादशी के दिन व्रत और तर्पण करने वालों के पितरों के पापों का नाश हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत का पालन करने वालों को सुख समृद्धि, शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से किसी कारण से नरक में पड़े पितरों को भी मुक्ति मिल जाती है। वहीं, इस व्रत को करने से व्यक्ति को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन अगर आप व्रत नहीं कर रहे हैं तो भगवान विष्णु की पूजा जरूर करें और काले तिल से तर्पण जरूर करें। इतने करने से भी आपको पितरों को शांति मिलेगी। साथ ही इस दिन पितरों के नाम से दान पुण्य जरूर करना चाहिए।

शिवलिंग पर अर्पित करें ये वस्तुएं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इंदिरा एकादशी के दिन शिवलिंग पर विशेष वस्तुएं चढ़ाने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है।

बेलपत्र : शिवलिंग पर 21 बेलपत्र अर्पित करने से सभी संकट दूर होकर सुख-शांति बनी रहती है।
दूध, दही और शहद : इनसे अभिषेक करने पर महादेव साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और कारोबार में तरक्की मिलती है।
गन्ने का रस : आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने और समृद्धि की प्राप्ति के लिए शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाना उत्तम माना जाता है।
पूजा के समय देसी घी का दीपक जलाकर आरती करनी चाहिए और शिव मंत्रों का जप करना चाहिए।

शिव मंत्र

नमामि शमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपम्॥

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

धार्मिक महत्व

इंदिरा एकादशी पर उपवास और पूजा करने से साधक को पापों से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। साथ ही, शिवलिंग पर विशेष वस्तुएं अर्पित करने से घर-परिवार में खुशहाली आती है और जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं।