September 13, 2025
MG NEWS

मरुधर गूंज, बीकानेर/लखनऊ (12 फरवरी 2025)। । अयोध्या में रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन हो गया है। उन्होंने 80 साल की उम्र में लखनऊ के पीजीआई में बुधवार सुबह 7 बजे अंतिम सांस ली। 3 फरवरी को ब्रेन हैमरेज हो गया था। उसके बाद तुरंत ही अयोध्या से लखनऊ ले जाया गया था।

सत्येंद्र दास राम मंदिर आंदोलन के मुख्य रणनीतिकारों में से एक थे। वह पिछले 32 साल से रामजन्मभूमि में मुख्य पुजारी के रूप में प्रभु राम की सेवा कर रहे थे। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस हुआ था। इस दौरान वह रामलला को गोद में लेकर भागे थे।

राममंदिर से ऐसे जुड़े सत्येंद्र दास…

  • बात 1992 की है। उस दौर में रामलला की सेवा की जिम्मेदारी पुजारी लालदास की हुआ करती थी। बतौर रिसीवर रिटायर्ड जज जेपी सिंह भी रामलला की देखरेख की टीम का हिस्सा थे। फरवरी 1992 में उनकी मौत के बाद जिला प्रशासन ने इसकी जिम्मेदारी ली। इस दौरान पुजारी लालदास को हटाने की चर्चाएं जोर से उठने लगीं।
  • तब फैजाबाद के सांसद विनय कटियार हुआ करते थे। वह विहिप से ही भाजपा में आए थे। ऐसे में उनके विहिप के नेताओं व संतों से अच्छे संबंध थे। इन सबसे सत्येंद्र दास का घनिष्ठ संबंध थे। उन्होंने राममंदिर आंदोलन में मुख्य भूमिका भी निभाई थी। ऐसे में उनको इसका फायदा मिला। वह 1 मार्च 1992 को रामलला के मुख्य सेवादार नियुक्त हुए। उनको चार सहायक भी रखने की अनुमति मिली।
  • उस समय तत्कालीन भाजपा सांसद विनय कटियार विहिप के नेताओं और कई संत जो विहिप नेताओं के संपर्क में थे। उनसे सत्येंद्र दास के घनिष्ठ संबंध थे। इसके बाद 1 मार्च 1992 को सत्येंद्र दास की नियुक्ति हो गई। उन्हें अधिकार मिला था कि वो 4 सहायक पुजारी भी रख सकते हैं।