November 17, 2025
MG NEWS

मरुधर गूंज, बीकानेर (9 अक्टूबर 2025)।

करवा चौथ का व्रत इस साल शुक्रवार, 10 अक्टूबर को रखा जाएगा। यह पावन पर्व हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक सुख के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। लेकिन आजकल कई अविवाहित लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखने लगी हैं।

ऐसा माना जाता है कि करवा चौथ का व्रत करने से न सिर्फ दांपत्य जीवन में सुख-शांति आती है, बल्कि सच्चे जीवनसाथी की प्राप्ति का भी आशीर्वाद मिलता है। अगर आप अविवाहित हैं और यह व्रत रखना चाहती हैं, तो कुछ विशेष नियमों और विधियों का पालन करना जरूरी है।

अविवाहित लड़कियां क्यों रखती हैं करवा चौथ का व्रत?

पारंपरिक रूप से यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए था, लेकिन बदलते समय के साथ अब अविवाहित कन्याएं भी अपने मनचाहे जीवनसाथी, प्रेम या रिश्ते की स्थिरता की कामना से यह व्रत रखती हैं। कुछ लड़कियां अपने भावी पति या सगाई में बंधे साथी की दीर्घायु और खुशहाली के लिए यह व्रत करती हैं।

करवा चौथ व्रत के नियम

  1. फलाहारी व्रत रखें – अविवाहित कन्याएं निर्जला व्रत की बजाय फल, दूध और पानी का सेवन कर सकती हैं।
  2. पूजा विधि में बदलाव करें – विवाहित महिलाएं जहां पति की लंबी उम्र के लिए पूजा करती हैं, वहीं अविवाहित लड़कियां भगवान शिव, माता पार्वती और करवा माता की पूजा कर सकती हैं।
  3. चंद्र दर्शन की जगह तारों को अर्घ्य दें – कुंवारी लड़कियां चांद की जगह तारों को जल अर्पित करके व्रत पूर्ण करती हैं।
  4. लाल या गुलाबी वस्त्र पहनें – यह रंग प्रेम, समर्पण और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
  5. मंत्र जप और संकल्प – पूजा के दौरान सच्चे और गुणी जीवनसाथी की प्राप्ति का संकल्प लें।

करवा चौथ व्रत का महत्व

शास्त्रों में बताया गया है कि करवा चौथ व्रत से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अविवाहित कन्याएं इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करें, तो उन्हें भी शुभ फल प्राप्त होता है। यह व्रत न केवल प्रेमपूर्ण रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक संतुलन भी लाता है।